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RESTART YOUR LIFE : Quit any Addiction + Achieve anything in Life
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आज जो मैं आपको बताने वाला हूं मार्क माय
वर्ड्स यह चीज आपकी पूरी जिंदगी का नक्शा
बदल सकती है एग्जैक्ट वही चीज जो खुद
क्रिकेटर विराट कोहली ने फॉलो करके खुद को
पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म कर दिया यही चीज
क्रिस्टियानो रोनाल्डो और शाहरुख खान भी
फॉलो करते हैं अगर आप इस वीडियो को बाकी
नॉर्मल वीडियोस की तरह ले रहे हो और बीच
में छोड़ के जाने वाले हो तो बेशक आप जा
सकते हैं कोई दिक्कत नहीं है इंटरनेट पे
और बहुत सारी वीडियोस पड़ी है बहुत सारा
कंटेंट पढ़ा है जाके देख सकते हो बाकी
सीरियस लोग आ जाओ शुरू करते हैं आपका एक
रेगुलर दिन कैसा जाता है लेट मी गेस आप
सुबह सोकर उठते हैं अपना फोन उठाते हैं
whatsapp2 जाते हैं नहाते हैं कपड़े पहनकर
तैयार होते हैं और नाश्ता करके घर से निकल
जाते हैं आप उसी सेम रास्ते पर चलते हैं
उसी सेम जगह जाकर वही सेम काम करते हैं
उन्हीं सेम लोगों से मिलते हैं जो आपको
वही सेम फील करवाते हैं कुछ लोगों से बचते
हैं कुछ के पास बैठते हैं अपना कुछ काम
होता है तो वो फिनिश करके आप उसी सेम
रास्ते से वापस घर जाते हैं रील्स या
शॉर्ट स्क्रॉल करते हैं या कोई मूवी देखते
हैं और हो जाते हैं यही रूटीन आप पता नहीं
कितने दिनों से फॉलो करते आ रहे हो और पता
नहीं आगे कितने दिनों तक फॉलो करते रहेंगे
इसमें कॉमन क्या है लोग आपके विचार लोगों
के विचार आपके डेली के काम आने जाने का
रास्ता आपकी हैबिट्स लोगों की हैबिट्स
कंटेंट जो आप देखते हो और भी बहुत कुछ
आपका यह रूटीन एक कंप्यूटर प्रोग्राम की
तरह काम करता है जहां आप अपनी मर्जी से
कुछ भी नहीं कर रहे होते हो सब कुछ अपने
आप ही हो रहा होता है विराट कोहली के साथ
भी यही हो रहा था वो कहते हैं कि मुझे याद
है मैं ईटिंग और फिटनेस को लेकर बिल्कुल
भी डिसिप्लिन नहीं था मुझे आज भी विश्वास
नहीं होता कि व मैं था i 2012 की बात है
हर बार की तरह वो सीजन भी मेरा खराब गया
मेरी ईटिंग हैबिट्स बहुत ज्यादा खराब थी
मैं उस वक्त नेशनल टीम में भी खेल रहा था
लेकिन मुझे कोई बड़ी सक्सेस नहीं मिली थी
न्यूरोसाइंटिस्ट डॉक्टर जोई डिस्पेंजा के
अनुसार 35 की उम्र तक आते-आते हम जो कुछ
भी होते हैं उसका 95 पर हमारा सबकॉन्शियस
माइंड होता है ये सबकॉन्शियस प्रोग्राम
हमारे बिलीव्स बिहेवियर एटीट्यूड इमोशनल
रिएक्शंस और अनकॉन्शियस हैबिट्स का एक
मिक्सचर होता है जो हमें एक सर्टेन एक्शन
लेने को मजबूर करता है बाकी का ब हुआ 5 पर
हमारा कॉन्शियस माइंड होता है जो कहता है
मैं खुद को बदलना चाहता हूं मैं हेल्दी
होना चाहता हूं फिट होना चाहता हूं मैं इस
नई स्किल को सीखना चाहता हूं मैं रोज
मेहनत करना चाहता हूं मैं खुश होना चाहता
हूं मैं फ्री होना चाहता हूं और हम हम हर
दिन अपने इस 5 पर कॉन्शियस माइंड के साथ
95 पर सबकॉन्शियस प्रोग्राम से लड़ने की
कोशिश करते रहते हैं और रोज बुरी तरह हार
जाते हैं यही रीजन है कि आप रोज बोलते हो
अपने आप से कि कल से मंडे से या एक तारीख
से मैं सब कुछ बदल दूंगा लेकिन कुछ भी
नहीं बदलता
सो सबसे पहले इस बात को एक्सेप्ट कर लो कि
जो लड़ाई आप लड़ रहे हो उसमें आपका हारना
तय है आप अपने सबकॉन्शियस माइंड से नहीं
जीत सकते आपकी लाइफ आपके कंट्रोल में नहीं
है आप बस एक पैसेंजर हो और यह सबकॉन्शियस
प्रोग्राम ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ है
जो आपको वहीं ले जाएगा जहां यह ले जाना
चाहता है ना कि जहां आप जाना चाहते हो तो
क्या हार मान ले और यही मीडियो करर लाइफ
जीते रहे नहीं तो उसका सलूशन क्या है एक
ही सलूशन है जब दुश्मन आपसे ज्यादा ताकतवर
हो जिससे हारना तय हो उससे लड़ना ही नहीं
चाहिए जब आप लड़ना बंद कर देते हो तो ना
कोई हारता है और ना कोई जीतता है आप सोच
रहे होंगे लड़ना बंद कर दिया तो जीत कैसे
जीत सकते हो दोस्ती करके यानी इससे लड़ना
बंद करके इसकी प्रोग्रामिंग को चेंज करना
होगा ताकि यह माइंड जो अभी आपके खिलाफ है
जो आपको और अंधेरे में धकेल रहा है आपको
एक फेलियर बना रहा है आप उसी का यूज करके
अपने आप को सक्सेसफुल बना पाओ किसी भी
प्रोग्राम को चेंज करने के लिए आपको उसके
सोर्स कोड को बदलना पड़ता है और हमारे
माइंड का सोर्स कोड टोटल छह स्टेप से बनता
है पहले तीन स्टेप्स एक सॉलिड फाउंडेशन
सेट करेंगे और लास्ट के तीन स्टेप्स आपके
ब्रेन को हार्ड रिसेट करके कंप्लीट
रिप्रोग्राम कर
देंगे विराट कोहली आगे कहते हैं कि मुझे
याद है जब उस सीजन के बाद मैं घर आया और
एक सुबह 100 ओवर लेने के बाद जब मिरर के
सामने आया तो मुझे खुद को देख के घिन आई
खुद से नफरत हुई मैंने खुद से कहा कि तू
इंडियन इंटरनेशनल क्रिकेट टीम का हिस्सा
है यह सब नहीं चल सकता और उसके बाद आपको
पता है कि सब कुछ बदल गया विराट कोहली से
पहले किसी भी इंडियन क्रिकेटर ने इस लेवल
की नेस को नहीं छुआ था यह चीज इंडियन टीम
में विराट ही आ इंसान को जानवरों के बीच
छोड़ दो तो वह भी जानवर बन जाता है और
जानवरों को इंसानों के बीच छोड़ दो तो
उसमें भी इंसानियत आ ही जाएगी आपने कभी
अपनी नेटिव लैंग्वेज बोलना नहीं सीखी आपने
बस अपने आसपास के लोगों को बात करते हुए
सुना और आप भी उनकी तरह बोलने लग गए आप
लाइफ में कभी कुछ बड़ा नहीं कर सकते आप
में थोड़ी अकल कम है आप पढ़ाई में कमजोर
हो आप बस इतना ही कमाने के लायक हो पैसा
कमाना बहुत मुश्किल है ये बातें इसी तरह
की बातें अगर किसी इंसान के लिए नॉर्मल है
तो समझ लो उसकी कंडीशनिंग हो चुकी है उसको
प्रोग्राम करके उसका पूरा एक सॉफ्टवेयर
बना दिया गया है एक ही चीज बार-बार बोलती
है सुनते रहने से आपका ब्रेन उस चीज के
लिए कंडीशन हो जाता है वो कहते हैं ना कि
एक झूठ को इतनी बार बोलो कि व सच लगने लगे
आपका ब्रेन ऐसे हजारों झूठ को सच मानता है
और उसी के अकॉर्डिंग आपसे एक्ट करवाता है
जिसका परिणाम यह होता है कि हमारी लाइफ ही
वैसी बन जाती है तो सबसे पहले आपको अपनी
इस कंडीशनिंग को चेंज करना होगा आपको अपने
आप को बार-बार ऐसी चीजें बोलनी होगी सुना
नहीं होगी जो आपके लिए फायदेमंद हो और जिन
पर आप बिलीव करने लगे लेकिन अब आपका दिमाग
कोई छोटा बच्चा नहीं रहा यह उन बातों को
मान मान के बड़ा हो चुका है अब इसे कुछ और
बोल दिया जाए चाहे वह उसके लिए पॉजिटिव हो
या फायदेमंद ही क्यों ना हो ये उस परे
आसानी से बिलीव करने वाला नहीं है इसलिए
आप अपनी कंडीशनिंग करके खुद के अंदर क्या
बिलीफ पैदा कर रहे हो यह आपको बहुत सोच
समझकर डिसाइड करना होगा कोई हैबिट चेंज
करना चाहते हो कोई लॉन्ग टर्म गोल अचीव
करना चाहते हो हर एक चीज आप चेंज कर सकते
हो इस मेथड का यूज करके बस पहला स्टेप है
कि आपको अपनी कंडीशनिंग पर विश्वास होना
चाहिए कि जो भी आप सोच रहे हो जो भी आप
खुद से बोल रहे हो वो 100% पॉसिबल
है अभी तक आपने जो किया था वो था अपने
माइंड को कन्वींस करना ना कि खुद को बहुत
से लोग अपने मन को तो कविंस कर लेते हैं
लेकिन फिर भी कोई चेंज नहीं आता उनकी लाइफ
में फॉर एग्जांपल ना जाने ऐसे कितने लोग
थे जो अपना बिजनेस स्टार्ट करना चाहते थे
अपना
या उनको अपने आईडिया पर पूरा कॉन्फिडेंस
होता है पूरा विश्वास भी होता है कि वह
बहुत ही सक्सेसफुल हो जाएंगे लेकिन इन
सबके बाद भी वह नहीं कर पाते क्योंकि उनका
माइंड तो रेडी था लेकिन बॉडी ने अलाव नहीं
किया सबसे मुश्किल है अपनी बॉडी को ये फील
करवाना कि आप जो सोच रहे हो वो एक्चुअल
में पॉसिबल है क्योंकि आखिरकार सारा काम
तो आपकी बॉडी को ही करना है ना सिर्फ
इमेजिन करने से कुछ नहीं होने वाला आपको
इमोशनली अपनी बॉडी के अंदर यह फील करवाना
होगा हमारे ब्रेन की लैंग्वेज है थॉट्स और
हमारी बॉडी की लैंग्वेज है फीलिंग्लेस
में फील नहीं कर सकती तो आप उस पर एक्ट भी
नहीं कर सकते ऐसा कितनी बार हुआ है कि कोई
चीज इतनी ज्यादा टेस्टी लग रही होती है
आपका बहुत मन कर रहा होता है उसे खाने का
लेकिन आपका पेट फुल होता है आपको भूख नहीं
होती है फिर आप उसे हाथ तक नहीं लगाते इसी
तरह जो चीज आप पाना चाहते हो आपको उससे
पाने की भूख होनी चाहिए आपके अंदर
स्ट्रांग
फीलिंग्लेस उन्होंने खुद को देख के पूरी
तरह से फील करते हुए कहा था कि अब ये नहीं
चल सकता मुझे सब कुछ बदलना ही पड़ेगा
फीलिंग्लेस दी हुई सिग्नल्स को समझ पाती
हैं और एक्शंस लेना बहुत-बहुत इजी हो जाता
है आपके लिए अगर आप अपने विजन के बारे में
कुछ फील नहीं कर रहे हो इसका मतलब है कि
आपकी बॉडी आपके माइंड के सिग्नल्स को
रिसीव नहीं कर पा रही है जिस वजह से आप
एक्शंस ही नहीं
लोगे अभी तक आप जो कुछ भी कर रहे थे अपनी
हैबिट्स की वजह से कर रहे थे आगे भी जो
कुछ भी करोगे वो भी अपनी हैबिट्स की वजह
से ही करोगे जब आप अपने माइंड से बिलीव
करने लगते हो और अपनी बॉडी में यह फील
करने लगते हो तब जाकर आप अपने बिहेवियर्स
में चेंजेज ला पाते हो यानी बिहेवियर आपकी
हैबिट बनेगा और आपकी सारी हैबिट्स मिलके
आपके सबकॉन्शियस को रिप्रोग्राम करेंगी
जहां आपके 95 पर एक्शंस बदल जाएंगे आप हर
दिन बिना सोचे समझे जो भी एक्शंस लोगे वो
आपको सक्सेस के और करीब लेकर जाएंगे विराट
कोहली आगे कहते हैं कि उसके अगले दिन से
सब बदल गया मैं डाइट और फिटनेस को लेकर
पूरी तरह से डिसिप्लिन हो गया कोई जंक फूड
नहीं कोई चीट डे नहीं प्रॉपर डाइट और दिन
में दो घंटे जिम ये सब कैसे हुआ अब वो
जानते हैं तो पहले तीन स्टेप्स लेकर आपने
एक सॉलिड फाउंडेशन बिल्ड कर ली हैं अब
बारी है अपने माइंड को हार्ड रिसेट करके
प्रोग्राम करने
की हमारे साथ लाइफ में जो कुछ भी होता है
उसका रिएक्शन हमारे सेल्फ टॉक से ही आता
है अब आप इन्हें नेगेटिव सेल्फ टॉक कह लो
या पॉजिटिव हमारे माइंड के लिए कुछ भी
पॉजिटिव या नेगेटिव नहीं होता ये बस कुछ
ऐसी बातें होती है जिन्हें आपका माइंड सच
मानकर बैठ गया है इससे आपका क्या फायदा
होगा क्या नुकसान होगा इससे इससे कोई फर्क
नहीं पड़ता अगर आप बोलते हो आई कांट
एक्सरसाइज आई एम वीक इन स्टडीज मुझसे सुबह
जल्दी उठा नहीं जाता मेरी सिटिंग कैपेसिटी
कम है इस तरह की बातें बोलने से आपका
माइंड आपको ऐसी चीजें करवाएगा जो इन्हीं
बातों को और ज्यादा पक्का करते जाएंगी कुछ
दिन पहले तक मैं भी सोचता था कि मुझसे
सुबह जल्दी उठा नहीं जाएगा मैं नेचुरली
नाइट आवल हूं देर रात तक काम करना सुबह
लेट उठना और तब तक मैं सुबह 8 बजे तक उठ
रहा था और अभी मैं उठ रहा हूं सुबह 5:30
बजे और वो भी बड़ी आसानी से कैसे इसकी बात
हम आगे करते हैं ब्रुसली कहते हैं कि अपने
बारे में मजाक में भी नेगेटिव ना बोले
आपकी बॉडी को डिफरेंस नहीं पता आपके शब्द
एनर्जी हैं और जादू करते हैं इसलिए इन्हें
स्पेलिंग कहा जाता है अपने शब्दों को चेंज
करो और आपकी लाइफ बदल जाएगी तो आपको अपने
माइंड में चल रही हर बात पर ध्यान देना है
कि आप खुद से क्या बोलते रहते हो खासकर
ऐसे घटिया शब्दों पर जो आपकी लाइफ को हेल
बना रहे हैं ये वर्ड्स कुछ भी हो सकते हैं
जैसे मैं बहुत लो फील कर रहा हूं मैं
टैलेंटेड नहीं हूं मुझसे सुबह जल्दी उठा
ही नहीं जाता मैं एक्सरसाइज नहीं कर सकता
मैं मेडिटेशन नहीं कर सकता मैं खुद को
कंट्रोल नहीं कर पाता मैं दिखने में अच्छा
नहीं हूं मुझे बहुत गुस्सा आता है ये सारी
चीजें आपको लिमिट कर देती हैं फिर आप इससे
आगे सोच ही नहीं पाते लेकिन अगर आप यह
करते हो तो आप आपकी पूरी दुनिया ही बदल
जाएगी साल 2014 में जब इंडियन टीम
ऑस्ट्रेलिया जाती है तब की बात है विराट
कोहली आगे कहते हैं कि मैं विजुलाइज करते
हुए देख पा रहा था कि मैं बॉलर्स की पिटाई
कर रहा हूं मैं एक्चुअल में इस इमोशन को
फील कर पा रहा था कि यह होने वाला है और
फिर जब मैच शुरू हुआ तो एगजैक्टली यही चीज
हुई बिकॉज माइंड ने पहले से ही चीजें
रजिस्टर कर दी थी और फिर बॉडी ने उसी के
अकॉर्डिंग रेस्पों किया एंड य यू ट्यून
योर हेड और यू ट्यून योर माइंड इन अ वे
दैट इट्स सो कन्विंसिंग इन योर माइंड दैट
व्हेन यू आर इन दैट सिचुएशन योर बॉडी जस्ट
टेक्स ओवर बिकॉज इट्स ऑलरेडी ऑलरेडी
रजिस्टर्ड इन योर माइंड एंड व्हेन दैट
हैपेंस यू फील लाइक पाव मैन दिस इज सो
पावरफुल तो अब आपको अवेयर हो जाना है अपनी
सेल्फ टॉक को लेकर बेहोशी से होश में जीना
शुरू करना है इसी समय फैसला कर लें कि आज
के बाद आपके विचार आपको नहीं चलाएंगे आप
अपने विचारों को जलाएंगे आपकी सेल्फ टॉक
जो नेगेटिव है अब आपको उन्हें रिप्लेस
करना है पॉजिटिव से अब आपका माइंड कह रहा
होगा कि यार ये चीज तो मुझे पहले से पता
है लेकिन जरा ध्यान तो दो ये चीज आपसे बोल
कौन रहा है आपकी प्रोग्रामिंग दोस्त जैसा
मैं हमेशा कहता हूं कि सिर्फ पता होने से
कुछ भी नहीं होना बात तो तब है जब आप यह
चीज लाइफ में अप्लाई करके फर्क लाओ आगे
मैं जो आपको प्रूफ दूंगा आपको पता चलेगा
कि यह कितनी पावरफुल चीज है तो आपको मैं
आलसी हूं इसको रिप्लेस करना है आई एम
हार्ड वर्किंग आई एम डिसिप्लिन मेरा दिमाग
कमजोर है इसको रिप्लेस करना है आई एम
टैलेंटेड आई एम जीनियस मैं दिखने में
अच्छा नहीं हूं बन जाएगा आई एम गुड लुकिंग
आई एम डिप्रेस्ड बन जाएगा आई एम हैप्पी आई
एम कॉन्फिडेंट बट आपको मेक श्योर करना है
कि आप अपने लिए जो भी सेल्फ टॉक अ फर्मे
सस पिक कर रहे हो वो इतने ज्यादा बेसिक भी
ना हो कि आप उन्हें बिल्कुल सीरियसली ही
ना लो और इतने ज्यादा ओवर भी ना हो कि आप
उन पर यकीन ही ना कर पाओ और इन्हें बोलते
हुए या लिखते हुए आपके अंदर एक स्ट्रांग
फीलिंग डेवलप होनी चाहिए जो आप बोल रहे हो
उस परे पूरी फीलिंग के साथ बिलीव करना है
टाइम फिक्स करके जैसे सुबह काम शुरू करने
से पहले और रात को सोते टाइम रोज 10-15
मिनट आपको लिखना है बोलना है और विजुलाइज
भी करना है आपके दिमाग में ये चीजें चलती
रहनी चाहिए जैसे आपने देखा होगा कि कोई
म्यूजिक आप सुनते हो बार-बार तो वो आपके
दिमाग में अटक जाता है आपके ना चाहते हुए
भी चलता रहता है है ना इसी तरह से कुछ
एफर्मेशंस जो आप अपने लिए तैयार करोगे वह
आपको इतना फील करते हुए लिखनी है बोलनी है
कि वो आपकी बॉडी आपके ब्रेन के एक-एक सेल
में बैठ जानी चाहिए अब देखो यह काम कैसे
करता है जैसे ही आप बोलने लगते हो फील
करते हुए कि आई एम सुपर कॉन्फिडेंट तो
देखना आप एक अलग ही तरह से चलने लग जाओगे
बॉडी उसी के अकॉर्डिंग रेस्पों करने लग
जाएगी जब आप बोलते हो आई एम टैलेंटेड आई
एम जीनियस अब आपका ध्यान बुक्स या
पॉडकास्ट या ऐसी वीडियोस की तरफ जाने
लगेगा जो आप आपको और ज्यादा इंटेलिजेंट
बनाई आप ज्यादा अच्छे से पढ़ोगे जब आप
बोलते हो कि आई एम गुड लुकिंग तो आप सर्च
करते हो कि लुक्स को और ज्यादा अच्छा कैसे
करा जा सकता है वहां से आपको कुछ चीजें
मिलती हैं वह आप फॉलो करने लग जाओगे आपको
ऐसी वीडियोस ऐसी बुक्स या ऐसे लोग मिलने
लगेंगे जो आपको सही दिशा में बढ़ने में
हेल्प करेंगे बिकॉज अब आपका फोकस प्रॉब्लम
या कंप्लेन करने पर नहीं है आपका ध्यान
कंपलीटली आ चुका है सोलूशंस पर अपने आपको
को और बेटर बनाने
पर विराट कोहली कहते हैं कि जब मेरी आठ
सेंचुरी थी तो मैंने खुद से कहा कि अगर
मैं आठ सेंचुरी मार सकता हूं तो आगे भी
अच्छा खेल सकता हूं तो मैंने अपने आप को
पूरे बिलीव के साथ पूरे कॉन्फिडेंस से
बोलना शुरू किया कि मैं अच्छा हूं मैं
बहुत ज्यादा अच्छा हूं खेलने में अगले ही
मैच में मैंने 48 और 75 रन बनाए और आज की
डेट तक विराट कोहली के नाम टोटल 81
सेंचुरी है अपने माइंड और बॉडी में सेल्फ
टॉक की पावर को फील करने के लिए आपको खुद
को ये प्रूफ करके दिखाना होगा कि आप जो
बोल रहे हो वो सच है यानी कि आपने जिंदगी
में कोई भी छोटी मटी सक्सेस पाई है आप उसे
याद करो आपने कभी तो एक्सरसाइज की होगी
कभी तो आप सुबह जल्दी उठे होंगे कभी आपने
अच्छा स्कोर किया होगा आप खुद को यकीन
दिलाओ कि मैं अगर पास्ट में भी कामयाब हुआ
हूं तो मैं यह काम भी कर सकता हूं अगर आप
खुद को बोल रहे हो कि आई एम डिसिप्लिन फिर
अपने आप को यकीन दिलाने के लिए आपको ऐसे
एक्शंस लेने होंगे जिससे यह साबित हो सके
कि हां आप डिसिप्लिन हो छोटे-छोटे एक्शंस
लो लेकिन लेना शुरू करो छोटे-छोटे एक्शंस
के थ्रू वो काम करना शुरू करो जो आप अब तक
टालते आ रहे हो अपने बड़े गोल को
छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट लो और वो
छोटे-छोटे गोल्स पूरे करो लाइक अगर आप
ज्यादा देर तक पढ़ा पढ़ा नहीं कर पाते हो
तो 25-25 मिनट के स्टडी सेशंस लेना शुरू
करो जो भी आपको सक्सेस वाली फील देता है
ऐसे काम करना शुरू करो यह चीज आपके नए
सेल्फ टॉक को फ्यूल करने का काम करेगी और
आप अपने आप ही ज्यादा एक्शंस लेना शुरू कर
दोगे विराट कोहली कहते हैं कि जब मैं कुछ
महीनों तक डिसिप्लिन रहा तो मुझे रिजल्ट
दिखने लगे मैं फील्ड में ज्यादा फुर्तीला
हो गया ज्यादा फोकस्ड हो गया और फिर यह
चीज मेरी एडिक्शन बन गई अपने आप को और
ज्यादा इंप्रूव करते जाना अब देता हूं मैं
अपना खुद का एग्जांपल मैंने खुद को बोलना
शुरू किया कि मंडे से सुबह 5:30 बजे उठ के
मेरे को रनिंग करने जाना है मतलब जाना है
और तब तक मैं सुबह 7:00 से 8:00 बजे उठ
रहा था जब भी टाइम मिलता यह चीज मैं अपने
आप को बार-बार बोलता यह चीज मैंने पाछ दिन
तक फॉलो की और एग्जैक्ट उस रात को सोने से
पहले भी बोला कि कल वो दिन है सुबह उठना
ही है मैं लेट सोया उस रात कि सी वजह से
लेकिन सुबह 5:30 बजे जगा और चला गया दिस
इज द पावर ऑफ राइट सेल्फ टॉक इस तरह आप
कोई भी आदत छोड़ सकते हो अपने आप से मेहनत
और सही चीजें करवा सकते हो और लाइफ में
कोई भी गोल अचीव कर सकते हो देखो आपकी
लाइफ में कोई चेंज नहीं आएगा अगर आप ये
चीजें फॉलो नहीं करते हो तो और 90 पर लोग
नहीं करेंगे मुझे पता है वो नहीं लिखेंगे
अफर मेंे शंस नहीं करेंगे बिलीफ और
फीलिंग्लेस जिसने यह कर दिया उसकी लाइफ
में मैजिक होना शुरू होगा प्लीज आप इस
वीडियो की यह बातें और मेरे एफर्ट्स वेस्ट
मत जाने देना आप बस 7 दिन 10 दिन या 21
दिन ट्राई करके देखना इन स्टेप्स को जाओ
और डायरी बनाओ एक पर्सनल अगर आप ये करने
वाले हो तो कमेंट्स में कुछ ना कुछ लिख के
जाओ मुझे भी पता चले कि मेरे एफर्ट्स
वेस्ट नहीं जा रहे हैं और और हां एक बार
आपने अपने डेली रूटीन के पीछे की
साइकोलॉजी समझ ली तो आपकी लाइफ पहले से 10
गुना ज्यादा बेटर हो जाएगी फेमस
न्यूरोलॉजिस्ट एंड्रू रमन ने अपने लिए एक
ऐसा साइंटिफिक मॉर्निंग रूटीन क्रिएट किया
जिसे दुनिया भर में कई लोगों ने फॉलो करके
अपनी लाइफ चेंज की इस आठन मिनट की वीडियो
में मैंने इसे पूरा एक्सप्लेन करके रखा है
हिंदी में आप जाके अभी देख सकते हो या बाद
में देखने के लिए सेव कर सकते हो बिकॉज
आपके टाइम से आपकी एनर्जी से कीमती और कुछ
भी नहीं है विश यू ऑल द वेरी बेस्ट थैंक
यू सो मच फॉर वाचिंग दिस
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